tag:blogger.com,1999:blog-8885294487115994176.post7635832009728483668..comments2024-01-09T02:13:16.226-08:00Comments on सदगुरू कबीर साहेब Sadguru Kabeer Sahib: सपनेहु गया संसारmukta mandlahttp://www.blogger.com/profile/15157348406429932150noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8885294487115994176.post-43170475966100771632010-05-10T07:01:40.442-07:002010-05-10T07:01:40.442-07:00अतुलनीय प्रयास
श्रीमन्,
कृपया मेरा चिट्ठा एक बार...अतुलनीय प्रयास<br /><br />श्रीमन्,<br />कृपया मेरा चिट्ठा एक बार पुन: अवलोकित कर लेँ। आप ने टिप्पणी मेँ जिस त्रुटि को इंगित किया था सुधार हुआ या नहीँ।<br />धन्यवाद।Ashok Singh Raghuvanshihttps://www.blogger.com/profile/05383337072337947484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8885294487115994176.post-9864881313939246912010-05-10T07:01:05.588-07:002010-05-10T07:01:05.588-07:00अतुलनीय प्रयास
श्रीमन्,
कृपया मेरा चिट्ठा एक बार...अतुलनीय प्रयास<br /><br />श्रीमन्,<br />कृपया मेरा चिट्ठा एक बार पुन: अवलोकित कर लेँ। आप ने टिप्पणी मेँ जिस त्रुटि को इंगित किया था सुधार हुआ या नहीँ।<br />धन्यवाद।Ashok Singh Raghuvanshihttps://www.blogger.com/profile/05383337072337947484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8885294487115994176.post-12984272875037669802010-05-05T00:48:52.635-07:002010-05-05T00:48:52.635-07:00सिव न असिव न साध अरु सेवक, उभय नहीं होई।।धरम अधरम ...सिव न असिव न साध अरु सेवक, उभय नहीं होई।।धरम अधरम मोक्ष नहीं बंधन, जरा मरण भव नासा। दृष्टि अदृष्टि गेय अरु ज्ञाता, येक मेक रैदासा।। <br />Bhavpurn bhkatipurn rachna prasuti ke liye dhanyavaad....कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8885294487115994176.post-31539800096009378202010-05-04T19:35:56.477-07:002010-05-04T19:35:56.477-07:00अच्छे विचार पर आधारित प्रस्तुती ,साथ में अर्थ और व...अच्छे विचार पर आधारित प्रस्तुती ,साथ में अर्थ और विवेचना भी प्रस्तुत किया करें /honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8885294487115994176.post-64635201715550939872010-05-04T09:45:34.783-07:002010-05-04T09:45:34.783-07:00मौनता दे अर्थ ऐसे व्याकरण मिलते नहीं हैं |
प्यार ...मौनता दे अर्थ ऐसे व्याकरण मिलते नहीं हैं |<br />प्यार हो जग के लिए अंत : करण मिलते नहीं हैं |<br />शिलाओं का अकेलापन बहुत रोता अंधेरों में ,<br />जिनकी छुअन आकार दे दे वह चरण मिलते नहीं हैं |आदेश कुमार पंकजhttps://www.blogger.com/profile/09800781193845173200noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8885294487115994176.post-14116537380289200662010-05-04T04:17:03.886-07:002010-05-04T04:17:03.886-07:00कुछ कुछ समझ आया कुछ कुछ नहीं .... यदि इसका अर्थ भी...कुछ कुछ समझ आया कुछ कुछ नहीं .... यदि इसका अर्थ भी समझा देते तो ज्यादा अच्छा होता ...Renu goelhttps://www.blogger.com/profile/13517735056774877294noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8885294487115994176.post-30618574443649881592010-05-03T23:20:19.529-07:002010-05-03T23:20:19.529-07:00मेरा ब्लागिंग उद्देश्य गूढ रहस्यों को
आपस में बांट...मेरा ब्लागिंग उद्देश्य गूढ रहस्यों को<br />आपस में बांटना और ग्यानीजनों से<br />प्राप्त करना भी है..इसलिये ये आवश्यक नहीं <br />कि आप पोस्ट के बारे में ही कमेंट करे कोई<br />दुर्लभ ग्यान या रोचक जानकारी आप सहर्ष<br />टिप्पणी रूप में पोस्ट कर सकते हैं ..आप सब का हार्दिक<br />धन्यवाद<br />satguru-satykikhoj.blogspot.commukta mandlahttps://www.blogger.com/profile/15157348406429932150noreply@blogger.com