भेष को
अंग
कबीर
भेष अतीत का, अधिक करै अपराध।
बाहिर
दीसै साधु गति, अन्तर बङा असाध॥
कबीर
वह तो एक है, परदा दीया भेष।
भरम
करम सब दूर कर, सबही मांहि अलेख॥
तत्व
तिलक तिहुलोक में, सत्तनाम निजसार।
जन
कबीर मस्तक दिया, सोभा अगम अपार॥
तत्व
तिलक की खानि है, महिमा है निजनाम।
अछै
नाम वा तिलक को, रहै अछै बिसराम॥४
तत्व
तिलक माथे दिया, सुरति सरवनी कान।
करनी
कंठी कंठ में, परसा पद निरवान॥
तत्वहि
फ़ल मन तिलक है, अछै बिरछ फ़ल चार।
अमर
महातम जानि के, करो तिलक ततसार॥
त्रिकुटी
ही निजमूल है, भ्रकुटी मध्य निसान।
ब्रह्म
दीप अस्थूल है, अगर तिलक निरवान॥
अगर
तिलक सिर सोहई, बैसाखी उनिहार।
सोभा
अविचल नाम की, देखो सुरति विचार॥
जैसि
तिलक उनहार है, तस सोभा अस्थीर।
खम्भ
ललाटे सोहई, तत्व तिलक गंभीर॥
मध्य
गुफ़ा जहँ सुरति है, उपरि तिलक का धाम।
अमर
समाधि लगावई, दीसै निरगुन नाम॥
द्वादस
तिलक बनावही, अंग अंग अस्थान।
कहैं
कबीर विराजहीं, ऊजल हंस अमान॥
ऊजल
देखि न धीजिये, बग ज्यौं मांडै ध्यान।
धौरै
बैठि चपेटसी, यौं ले बूङै ज्ञान॥
चाल
बकुल की चलत है, बहुरि कहावै हंस।
ते
मुक्ता कैसे चुगै, पङै काल के फ़ंस॥
साधु
भया तो क्या हुआ, माला पहिरी चार।
बाहर
भेष बनाइया, भीतर भरी भंगार॥
जेता
मीठा बोलवा, तेता साधु न जान।
पहिले
थाह दिखाइ करि, औडै देसी आन॥
मीठे
बोल जु बोलिये, ताते साधु न जान।
पहिले
स्वांग दिखाय के, पीछे दीसै आन॥
बांबी
कूटै बाबरा, सरप न मारा जाय।
मूरख
बांबी ना डसै, सरप सबन को खाय॥
माला
तिलक लगाय के, भक्ति न आई हाथ।
दाढ़ी
मूंछ मुढ़ाय के, चले दुनी के साथ॥
दाढ़ी
मूंछ मुंङाय के, हुआ घोटम घोट।
मन को
क्यौं नहि मूंडिये, जामें भरिया खोट॥
केसन
कहा बिगारिया, मूंङा सौ सौ बार।
मन को
क्यौं नहि मूंङिये, जामें विषय विकार॥
मन
मेवासी मूंडिये, केसहि मूंडै काहि।
जो कुछ
किया सो मन किया, केस किया कुछ नाहिं॥
मूंड
मुंङावत दिन गया, अजहु न मिलिया राम।
राम
नाम कहो क्या करै, मन के औरै काम॥
मूंङ
मुंङाये हरि मिले, सब कोई लेह मुंङाय।
बार
बार के मूंङते, भेङ न बैकुंठ जाय॥
स्वांग
पहिरि सोहरा भया, दुनिया खाई खुंद।
जा
सेरी साधू गया, सो तो राखी मूंद॥
भूला
भसम रमाय के, मिटी न मन की चाह।
जो
सिक्का नहि साँच का, तब लग जोगी नाहं॥
ऐसी ठाठां
ठाठिये, बहुरि न यह तन होय।
ज्ञान
गूदरी ओढ़िये, काढ़ि न सकही कोय॥
मन
माला तन सुमरनी, हरिजी तिलक दियाय।
दुहाई
राजा राम की, दूजा दूरि कियाय॥
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें