रविवार, अप्रैल 25, 2010

बिरला जन कोइ जाननहारा



                              रमैनी 59

चढत चढावत भँडहर फोरी, मन नहिं जानै के करि चेरी ।
चोर एक मूसै संसारा, बिरला जन कोइ जाननहारा?
सरग पताल भूमि लै बारी, एकै राम सकल रखवारी ।

पाहन होय के सब गए, बिनु भितियन को चित्त ।
जासो कियौ मिताइया, सो धन भया न हित्त ।

                               रमैनी 60

छाडहु पति छाडहु लबराई, मन अभिमान टूटि तब जाई ।
जिन लै चोरी भिक्षा खाई, सो बिरवा पलुहावन जाई ।
पुनि संपति औ पति को धावे, सो बिरवा संसार लै आवै ।

झूठ झूठ कै छाङहू, मिथ्या यह संसार ।
तेहि कारण मैं कहत हों, जाते होय उबार ।

                         रमैनी 61

धर्म कथा जो कहतै रहई, लबरी नित उठि प्रातहि कहई ।
लबरि बिहाने लबरी सांझ, एक लबरी बसै ह्रदया मांझ ।
रामहु केर मर्म नहिं जाना, लै मति ठानिन वेद पुराना ।
बेदहु केर कहल नहिं करई, जरते रहै सुस्त नहिं परई ।

गुनातीत के गावते, आपुहि गए गँवाय ।
माटी तन माटी मिल्यो, पवनहिं पवन समाय ।

                       रमैनी 62

जो तोहि कर्ता वर्ण बिचारा, जन्मत तीन दंड अनुसारा?
जन्मत सुद्र मुए पुनि सूद्रा, कृतिम जनेउ घालि जग दुन्द्रा ।
जो तूं ब्राह्मण ब्राहमणी के जाया, और राह दै काहे न आया ।
जो तूं तुर्क तुरकिनी के जाया, पेटे काहे न सुनति कराया ।
कारी पीरी दूहहू गाई, ताकर दूध देव बिलगाई ।
छाङहु कपट नर अधिक सयानी, कहहिं कबीर भजु सारंग पानी ।

                          रमैनी 63

नाना रूप बर्न एक कीन्हा, चारि बर्न वै काहु न चीन्हा ।
नष्ट गए कर्ता नहिं चीन्हा, नष्ट गये औरहि मन दीन्हा ।
नष्ट गए जिन वेद बखाना, वेद पढै पर भेद न जाना ।
विमलख करै नयन नहिं सूझा, भा अग्यान कछू नहिं बूझा ।

नाना नाच नचाय के, नाचे नट के भेष ।
घट घट अविनासी बसै, सुनहु तकी तुम सेष ।


1 टिप्पणी:

mukta mandla ने कहा…

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मेरी फ़ोटो
Agra, uttar pradesh, India
भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के फ़िरोजाबाद जिले में जसराना तहसील के एक गांव नगला भादौं में श्री शिवानन्द जी महाराज परमहँस का ‘चिन्ताहरण मुक्तमंडल आश्रम’ के नाम से आश्रम है। जहाँ लगभग गत दस वर्षों से सहज योग का शीघ्र प्रभावी और अनुभूतिदायक ‘सुरति शब्द योग’ हँसदीक्षा के उपरान्त कराया, सिखाया जाता है। परिपक्व साधकों को सारशब्द और निःअक्षर ज्ञान का भी अभ्यास कराया जाता है, और विधिवत दीक्षा दी जाती है। यदि कोई साधक इस क्षेत्र में उन्नति का इच्छुक है, तो वह आश्रम पर सम्पर्क कर सकता है।