शनिवार, मई 01, 2010

आगी सरवर लागि हो


अथ बेलि प्रारम्भ

हंसा सरवर सरिरहो रमैया राम ।
जगत चोर घर मूसल हो रमैया राम ॥
जो जागल सो भागल हो रमैया राम ।
सोवत गैल बिगोय हो रमैया राम ॥
आज बसेरा नियरे हो रमैया राम ।
काल्हि बसेरा दूरि हो रमैया राम ॥
परेहु बिराने देश हो रमैया राम ।
नैन मरैंगे ढूंढ़ि हो रमैया राम ॥
त्रास मथन दधि मथन कियो हो रमैया राम ।
भवन मथ्यो भरि पूरि हो रमैया राम ॥
हंसा पाहन भयल हो रमैया राम ।
बेधि न पद निर्वान हो रमैया राम ॥
तुम हंसा मन मानिक हो रमैया राम ।
हटल न मानल मोर हो रमैया राम ॥
जस रे कियो तस पायो हो रमैया राम ।
हमर दोष जनि देहु हो रमैया राम ॥
अगम काटि गम कीन्हो हो रमैया राम ।
सहज कियो बैपार हो रमैया राम ॥
राम नाम धन बनिजहु हो रमैया राम ।
लादेहु वस्तु अमोल हो रमैया राम ॥
नौ बहिया दश गौन हो रमैया राम ।
पांच लदनवा लादे साथ हो रमैया राम ॥
पांच लदनवा परे हो रमैया राम ।
खाखरि डारिनि खोरि हो रमैया राम ॥
शिर धुन हंसा चले हो रमैया राम ।
सरवर मीत जोहार हो रमैया राम ॥
आगी सरवर लागि हो रमैया राम ।
सरवर भो अरि क्षार हो रमैया राम ॥
कहै कबीर सुनो सन्तो हो रमैया राम ।
परखि लेहु खर खोट हो रमैया राम ॥

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मेरी फ़ोटो
Agra, uttar pradesh, India
भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के फ़िरोजाबाद जिले में जसराना तहसील के एक गांव नगला भादौं में श्री शिवानन्द जी महाराज परमहँस का ‘चिन्ताहरण मुक्तमंडल आश्रम’ के नाम से आश्रम है। जहाँ लगभग गत दस वर्षों से सहज योग का शीघ्र प्रभावी और अनुभूतिदायक ‘सुरति शब्द योग’ हँसदीक्षा के उपरान्त कराया, सिखाया जाता है। परिपक्व साधकों को सारशब्द और निःअक्षर ज्ञान का भी अभ्यास कराया जाता है, और विधिवत दीक्षा दी जाती है। यदि कोई साधक इस क्षेत्र में उन्नति का इच्छुक है, तो वह आश्रम पर सम्पर्क कर सकता है।