शनिवार, मई 01, 2010

कहरा पहिला


अथ कहरा प्रारभ्यते

कहरा पहिला

सहज ध्यान रहु सहज ध्यान रहु, गुरु के वचन समाई हो ।
मेली सिष्ट चराचित राखो, रहो दृष्टि लौ लाई हो ॥
जो खुटकार वेगि नहिं लागो, ह्रदय निवारहु कोहू हो ।
मुक्ति की डोरि गांठि जनि खैंचो, तब बाझी बङ रोहू हो ॥
मनुवो कहौ रहै मन मारै, खीझवो खीझि न बोलै हो ।
मनुवो मीत मिताइ न छोङै, कबहूँ गाँठ न खोलै हो ॥
भूलौ भोग मुक्ति जनि भूलौ, योगयुक्ति तन साधौ हो ।
जो यहि भांति करहु मतवारी, ता मत के चित बांधो हो ॥
नहिं तो ठाकुर है अति दारुण, करि है चालु कुचाली हो ।
बांधि मारि डारि सब लेहै, छूटी सब मतवाली हो ॥
जबहीं सामत आइ पहुँचे, पीठि सांट भल टूटै हो ।
ठाढ़े लोग कुटुम्ब सब देखै, कहे काहु किन छूटै हो ॥
एक तो अनिष्ट पाउं परि विनवै, विनती किये न मानै हो ।
अन चिन्ह रहे कियो न चिन्हारी, सो कैसे पहिचानै हो ॥
लेइ बोलाय बात नहिं पूछै, केवट गर्भ तन बोलै हो ।
जे करि गांठि सबल कछु नाहीं, निराधार ह्वै डोलै हो ॥
जिन्ह सम युक्ति अगमान कै राखिन, घरणि मांझ धरडे हरि हो ।
जे करे हाथ पांव कछु नाहीं, धरणि लाग तन से हरि हो ॥
पेलना अक्षत पेलि चलु बौरे, तीर तीर कह टोवहु हो ।
उथले रहौ परो जनि गहिरे, मति हाथै कै खोवहु हो ॥
तर कै घाम उपर कै भूभुरि, छांह कतहुँ नहि पावहु हो ।
ऐसो जानि पसीजहु सीजहु, कस न छतरिया छावहु हो ॥
जो कछु खेल कियो सो कियो, बहुरि खेल कस होई हो ।
सासु ननद दोउ देत उलाटन, रहहु लाज मुख गोई हो ॥
गुरु भो ढील गोन भो लचपच, कहा न मानेहु मोरा हो ।
ताजी तुरकी कबहुं न साजेहु, चढ़यो काठ के घोरा हो ॥
ताल झांझ भल बाजत आवै, कहरा सब कोइ नाचै हो ।
जेहि रंग दुलहा ब्याहन आये, तेहि रंग दुलहिन राचै हो ॥
नौका अछत खेवै नहिं जान्यो, कैसे लागहु तीरा हो ।
कहै कबीर रामरस माते, जोलहा दास कबीरा हो ॥

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मेरी फ़ोटो
Agra, uttar pradesh, India
भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के फ़िरोजाबाद जिले में जसराना तहसील के एक गांव नगला भादौं में श्री शिवानन्द जी महाराज परमहँस का ‘चिन्ताहरण मुक्तमंडल आश्रम’ के नाम से आश्रम है। जहाँ लगभग गत दस वर्षों से सहज योग का शीघ्र प्रभावी और अनुभूतिदायक ‘सुरति शब्द योग’ हँसदीक्षा के उपरान्त कराया, सिखाया जाता है। परिपक्व साधकों को सारशब्द और निःअक्षर ज्ञान का भी अभ्यास कराया जाता है, और विधिवत दीक्षा दी जाती है। यदि कोई साधक इस क्षेत्र में उन्नति का इच्छुक है, तो वह आश्रम पर सम्पर्क कर सकता है।